भारतीय किसान निम्नलिखित तरीकों से अपनी कृषि उपज में सुधार करते हैं:
1- बीज गुणवत्ता
2- मिट्टी की गुणवत्ता
3- फसल चक्रण
4- बेस्ट प्लांट ग्रोथ प्रमोटर का उपयोग करें
5- जैविक खाद और उर्वरक काप्रयोग करें
6- फसल देखभाल प्रबंधन
1- बीज गुणवत्ता:
खेती की पहली प्रक्रिया उपयुक्त गुणवत्ता वाले बीज का चयन करना है। यहखेती के महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। फसल के प्रकार, फसल की भूमि, जलवायु और किसानों केबजट के अनुसार बीजका चयन करें। यदि किसान एक ही बीज का बार-बार प्रयोग करते हैं तो इससे फसल की उपज कम हो जाती है
फसल उत्पादन में मिट्टी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसानों द्वारा सामना की जाने वालीकुछ मिट्टी की समस्याएं हैं:
• मिट्टी का पीएच: मिट्टी का पीएच आदर्श रूप से 6.5 से 7.5 के बीच होनाचाहिए। मिट्टी की पीएच समस्या आज की खेती मेंआम हो गई है। इससे फसल की गुणवत्ता कम हो जाती है।
• मृदा पोषक तत्व: मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की कमी होती है। इसके कारण फसलों को मिट्टी से उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाता है जो फसल की वृद्धि और गुणवत्ता के लिए आवश्यक है।
3- बेस्टप्लांट ग्रोथ प्रमोटर का उपयोग करें
किसान सर्वोत्तम पौधे विकास प्रमोटर का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि यह सभी पहलुओं में फसल की वृद्धि को बढ़ाता है।
4- फसल चक्रण
यदिहम एक ही फसलसे खेती करते हैं तो हम कम प्रभावी उपज देते हैं। यह न केवल फसल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी प्रभावित करता है। उस समस्या का सबसे अच्छा समाधान वैकल्पिक खेती या फसल चक्र है। हमें विभिन्न फसलों को उचित अंतराल में उगाना है। यह कुशलता से तब होता है जब हम खेती करते हैं और खेती के लिए जैविक उत्पाद का उपयोग करते हैं।
5- जैविक खाद और उर्वरक का प्रयोग करें
आजकल, जैविक खेती किसानों की आवश्यकता और आवश्यकता बनगई है क्योंकि रासायनिक उत्पादों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता में कमी, कम गुणवत्ता वाली फसल और बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए,अगर हम जैविक खेती करते हैं और जैविक खाद और जैविक खाद जैसे जैविक उत्पादों का उपयोग करते हैं तो हमारे पास लंबी अवधि में उच्चगुणवत्ता वाली फसल होती है। जैविक खेती विश्व कोएक सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करती है।
उदाहरण के लिए:
सिक्किमकृषि: सिक्किम राज्य 100% जैविक राज्य बन गया है और यह भारतीय खेतीमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सिक्किम अपनीभूमि में विभिन्न प्रकारकी फसलें उगाता है और केवल जैविक उत्पादों का उपयोग करताहै। वर्तमान में, इसकी विभिन्न किस्मों वाली उच्च गुणवत्ता वाली फसलें हैं। और सिक्किम की खेती सभी केलिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करती है।
किसानों को फसल की देख भाल बच्चों की तरह ही करनी पड़ती है। उच्च गुणवत्तावाली फसलें उत्पन्न करने के लिए उचित फसल देखभाल प्रबंधन की आवश्यकता होती है। किसानों को उपभोक्ताओं को भोजन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। फसल देखभाल प्रबंधन निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
• उचित सिंचाई
• फसलों की उचित देखभाल
• जैविक खाद जैसे जैविक उत्पादों का प्रयोग करें
• फसल चक्र का प्रयोग करें
हमारे पास उपरोक्त सभी समस्याओं का समाधान है जो किसानों के लिए गेम-चेंजर के रूप में कार्यकरता है, अर्थात एमडी बायोकोल से मास्टर गोल्ड (गिब्बेरेलिक एसिड - 0.186% एसपी)
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मास्टर गोल्ड (गिबरलिक एसिड - 0.186% एसपी):
मास्टर गोल्ड सर्वश्रेष्ठ जैविक खाद/खाद में से एक है। यह जैविक खाद/खाद आधुनिक तकनीक पर आधारित जिबरेलिक एसिड का उच्च स्तरहै जिसमें प्राकृतिक अवस्था में पोटेशियम, फोलिक एसिड, ह्यूमिक एसिड, एंजाइम, विटामिन, जिबरेलिक एसिड होता है।इसके प्रयोग से पौधों मेंविशेष ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिसके फलस्वरूप प्रकाश-प्रसंस्करण की प्रक्रिया तेज हो जाती है और पौधे भोजन बना सकते हैं। यह जैविक खेती के लिए बहुत अच्छा जैव उर्वरक है।
फसलों में मास्टर गोल्ड का उपयोग करने के लाभ:
1- यह जैविक खाद/खाद पौधों की जड़ प्रणाली को मजबूत करता है और उन्हें हरा-भरा रखता है। जिससे पौधे अधिक मात्रा में लेते हैं और अपने पैर और वृद्धि को बढ़ाते हैं।
2- यह जैविक खाद/खाद प्रकाश विश्लेषण प्रक्रिया को तेज करके और तेजी से बढ़नेसे पौधों में भोजन बनाने की क्षमता को बढ़ाता है।
3- यह जैविक खाद/खाद फसलों में मौसम और रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
4- यह जैविक खाद/खाद फसलों की उपज और गुणवत्ता में सुधार करता है।
उर्वरक का प्रयोग कैसे करें: 40-50 दिनोंके बाद 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से बुवाई करें।
पैकिंग उपलब्धता: पैकेट: 50 ग्राम (क्रिस्टल) जार: 100 ग्राम (क्रिस्टल)
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भारतीय किसान अपनी कृषि उपज में सुधार कैसे कर सकते हैं? | MD BIOCOALS